कोरोना के दिन कुछ ऐसे ही दिन रहे हैं। शायद ही ऐसी कोई गली या मोहल्ला रहा होगा देश का, जहां किसी न किसी के अपने ने कोरोना के संक्रमण में आकर दम न तोड़ा हो। उसी कालखंड की ये कहानी है फिल्म ‘चलती रहे जिंदगी’।
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